नंदन-वन की नंदिनी

नंदन-वन की नंदिनी

Sunday, August 8, 2010

mai kaary-kartaa.मै ही हूँ वो कार्यकर्ता

                                                       

   उदास कार्यकर्ता ,
             बिजली के इंतजार में बार बार पान चबाता ......
           पूरा गाव उसे कोसता , तो वो खुद को कोसता .
            " १५ दिन का मज़ा , पांच   साल  की सजा " 
 
 होटल  में खाया  रोज़ सुबह का नाश्ता  .......
ढाबे वाला  भी  खुश था  , दोपहर  का लंच तो वही पर होता था ..
" क्या हमारा भावी सरपंच था "

चाय पानी ,बीडी सिगरेट का भी  खर्चा  वह बर्दाश्त  कर रहा था ..
साथ में मावा, घुटका ,घूमने के लिए  मुफ्त का गाड़ी भी था ....
"शाम की तो बात पूछो  मत ",
     कोई थम्प्स-अप के साथ लिया ,कोई कच्चा ही पिया....
     उसने खाया चिकन , तो मैंने खायी बिरयानी .....
परोसने वाला "भावी " सरपंच जो था .....
हाथ धोया बिसलेरी से  ,सामने सफ़ेद रुमाल भी  था .....
"मै ही  हूँ  वो कार्यकर्ता"
१५ दिन का मज़ा ...............
मेरे पूरे  गाव को पांच साल की सजा .............

 नंदिनी पाटिल