नंदन-वन की नंदिनी

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Monday, April 6, 2009

तो पहला काम .-- ख़ुद को जगाना

कितना मुश्किल है खुद को बताना
कि हम एक हैं ...
और मानव धर्म एक है .....
और
सारे भारतीय ।मेरे भाई बहन हैं ...

ये प्रतिज्ञा सिर्फ
पाठशाला का एक नियम बनाना .....

नर्सरी में दाखिला लिया ..
पापा फॉर्म भर रहे थे ...

पहला सवाल था .
जाति , धर्म कौन सा ?
हिन्दू ....लिंगायत .......

पापा ...ये धर्म क्या होता है ..?
मेरा सवाल था ....

बेटा ..तुम नहीं समझोगी ..
बहुत छोटी हो .....

"आया " ने मेरी ऊँगली थामा ....
आया से मैंने पूछा .....आपका धर्म क्या है . ....?
मुस्लिम ............

ये था पहला पाठ मेरे बचपन का .....
कितना आसान हो गया है ....
खुद को बताना ...

मेरे दादा ..मेरे दादा के दादा ..उनके दादा के दादा
सभी ने यही सीखा था ..
हम सब एक है ...
मानव धर्म एक है ...

कोई तो मेरे सवालो का जवाब दो ..........?
'रामायण कहा से आया ..?
कुरान कहा से आया ..?
महाभारत कहा से आया ....?
और ये बायबिल ॥कहा से आयी ...?

कितना आसान हो गया है ..खुद को बताना
आज 'भगवान "अल्लाह "जीसस " भी लाचार है . ....
उनके नाम पर ही ॥एक दूसरे को मरोड़ रहे हैं ....

कैंडल भी बहुत जलाए ......
टी वी पर नाम भी फैलाये ....
कि ..हम लड़ेगे ....हम लड़ेगे .....
दूसरी सुबह ने देखा ...
वो खुद ही लड़ रहे है .....

मै "मारता "...तू मुस्लिम ....वो बिहारी .....
आसान हो गया है खुदको बताना

सिर्फ "दिल " से सोचो ....
"भारत मेरा देश है ...
और "भारत मेरा घर है "...
..... हम सब भाई बहन है ...

तो कैंडल भी न हो ...
लिस्ट भी न हो
ख़ुद को जगाओ .......
ख़ुद को जगाओ ......

तो आसान नहीं होगा ख़ुद को जगाना ......
तो ...पहला काम ..
ख़ुद को जगाना ......
ख़ुद को जगाना ......






नंदिनी पाटिल

9 comments:

  1. प्रिय मित्र
    सादर अभिवादन
    आपके ब्लाग पर रचनाएं पढ़कर हार्दिक प्रसन्नता हुई। आप इन्हें प्रकाशित कराने के लिए अवश्य ही भेजं। यदि पत्रिकाओं की समीक्षा के साथ साथ उनके पते भी चाहिए हो तो मेरे ब्लाग पर अवश्य ही पधारें। आप निराश नहीं होंगे।
    अखिलेश शुक्ल्
    http://katha-chakra.blogspot.com

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  2. Nanni, pritty iprisive poems,u write diffrent and ur topics are on corrent issues .Pls keep up the good work.

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  3. Nannu, preety impresive poems,u write diferent and ur subject is on current issues .Pls keep up the good work

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  4. Really Beutifull.........and.....Your poem taking me into the core of the philosophy.........question.critisizing beutifull..............but.....you to fail to give ultimate answer.......
    good poetss

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  5. All of these sentence need for entire world ears, hearts and hands not only for Indians...We should broadcast it for entire world. We are cosmopolitan not any specified country. Entire world is our family.

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  6. nandini ji salaam hai aapko aapki kalam ko dil se awaaj paida hoti hai ..koun kahta hai ki hum sote hai ..aap jaise se hi is jag mai jindgi kalam se aag paida hoti hai ...........jai hind

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  7. nandini these are good cntep. poems.

    i wish that we will get poems like this foreever.
    God bless you. live long.

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