नंदन-वन की नंदिनी

नंदन-वन की नंदिनी

Saturday, January 3, 2009

धन्यवाद kassab तेरा ..

कसाब का बड़ा सा फोटो अख़बार में था,
मुझसे बिना पूछे ही मेरा मन ,

उससे बाते कर रहा था ---

''धन्यवाद कसाब तेरा ,
दिखाया हमें तूने कि -
कोई सरकार नही बचा सकती हमें ,
हमें , ख़ुद ही खुदको बचाना है ।
तुम जैसे कसब को चुन चुन के मारना है।

धन्यवाद कसाब तेरा ,
तूने दिखाया ,
हमारे यहाँ
चुनाव
की "फील्डिंग " ही बड़ी चिंता है ।

तुम लोग हवा से आए या समंदर से आए
?
किसको पता है ?
अफसरों को मारा , कमांडोज़ को मारा
वो तो गए , उनका फ़र्ज़ था।

अगर तू किसी मंत्री को मारता तो
ज़रूर मुसीबत में फसता।
वो हमारे लिए वन्दनीय होते हैं ।

धन्यवाद कसब ,
तूने सी एस टी पर फायरिंग की,
तब देखा नही कि वहा कौन हिंदू है
,
और कौन मुस्लिम है ,
नही तो बहुत बड़ा तूफ़ान आता
ये तो तेरी मेहरबानी है।

तू डर मत,
अंतुले ने तो तुझे समर्थन किया है ।
और भी लोग करेगे।
हमको तो आदत है ,
सालो साल कचहरी में घूमने की ।

धन्यवाद कसब तेरा ,
अफज़ल गुरु और तू , कुछ दिनों बाद ,
हसते हसते अपने वतन लौटेगा ,
क्योकि मेरा देश ,
मेहमान को भगवान् मानता है ।

कसब , धन्यवाद ,
नौ तो मर गए ,
तू एक बचा ,
बाकी बीस तो सोच रहे होंगे -
अब क्या करना है ?

धन्यवाद कसब तेरा ,
हर एक भारतीय के मन में
आग
लगाने की,
और तेरे जैसे करोडो कसबो से
खुद
लड़नेवाला जूनून पैदा करने की ।''

नंदिनी पाटिल " shubh